देश की राजधानी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. दिल्ली शराब घोटाला मामले में वे तिहाड़ जेल में बंद हैं. सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है. लेकिन ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया था.
‘जमानत का सिद्धांत एक नियम है’
जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है, जिससे वह त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित हो गए हैं. इन मामलों में जमानत मांगने के लिए उन्हें निचली अदालत में भेजना न्याय का मजाक होगा. अब समय आ गया है कि निचली अदालतें और हाई कोर्ट यह समझें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है और जेल एक अपवाद है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि पर बेल देने का फैसला सुना दिया.
28 फरवरी 2023 को दिया था इस्तीफा
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 9 मार्च 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. इस केस के चलते उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.
‘आज सत्य की जीत हुई है’
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘आज सत्य की जीत हुई है. इस मामले में कोई सच्चाई नहीं थी. हमारे नेताओं को जबरदस्ती जेल में रखा गया था. मनीष सिसोदिया को साजिशन 17 महीने जेल में रखा गया. क्या BJP और नरेंद्र मोदी, मनीष के इन 17 महीनों का हिसाब देंगे? मनीष यह 17 महीने दिल्ली के स्कूलों को बनाने में लगाते, लेकिन बीजेपी ने इन्हें बर्बाद कर दिया. मैं सुप्रीम कोर्ट को नमन करूंगा. कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली का एक-एक नागरिक खुश है. इसके साथ ही मैं उम्मीद करता हूं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को भी जल्द न्याय मिलेगा और वह भी बाहर आएंगे.’