ज्योतिष/धर्म
2 अगस्त श्री गंगानगर
आज नाग पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी के पर्व के नाम से विख्यात है। कहते हैं यदि जीवन में अत्यधिक बाधायें हों तो उनसे मुक्ति हेतु नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन के जोड़े की आराधना करनी चाहिए। उनसे प्रार्थना करनी चाहिए कि जीवन में जो बाधायें हैं वह उन्हें दूर करें। नाग-नागिन की पूजा से शिव परिवार की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है,ऐसा कहा जाता है। ज्योतिषिय धारणा के अनुसार भी कालसर्प दोष के निवारण हेतु नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करने से कालसर्प योग का प्रभाव क्षणै-क्षणै समाप्त होने लगता है।
पूजा में नाग-नागिन के जोड़े को दूध अर्पित करते हैं, पुष्प चढाते हैं,भगर व दूध के मिश्रण का भोग लगाते हैं परंतु धूप-अगरबत्ती समर्पित करते हैं,जलाते नहीं है,ऐसी मान्यता है।
श्रीगंगानगर में भी प्राचीन शिवालय मंदिर में नाग- नागिन के जोड़े की मूर्ति स्थापित है।काफी बड़ी संख्या में भक्तजन नाग-नागिन के जोड़े की आराधना कर रहे हैं।हर-हर महादेव