श्रीगंगानगर भाजपा जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़ ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए रिक्तियों में आरक्षण श्रेणीवार क्षेतीज आधार के प्रावधान प्रतिस्थापित किए जाने की मांग उठाई
राजकीय सेवाओं में 17/4/ 2018 के संशोधन से पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग को हो रहा है नुकसान :- आत्माराम तरड़
श्रीगंगानगर भाजपा के जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़ ने राजस्थान सिविल सेवा में (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के नियम 2(3) में राज्य सरकार द्वारा किए गए 17/4/ 2018 के संशोधन को वापस लेने की मांग की है। इस संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे गए पत्र में भाजपा जिला अध्यक्ष आत्माराम तरड़ ने कहा की राजकीय सेवाओं में 17/4/ 2018 के इस संशोधन से पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से भूतपूर्व सैनिकों के लिए रिक्तियों में आरक्षण श्रेणीवार क्षेतीज आधार के प्रावधान प्रतिस्थापित किए जाने की मांग उठाई है।
आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा जिला मीडिया प्रभारी श्रीचंद चौधरी ने बताया की जिला अध्यक्ष आत्माराम तरड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करवाया है कि भूतपूर्व सैनिकों को इस प्रकार सिविल सेवाओं में आरक्षण दिए जाने से पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के सामान्य अभ्यर्थी इन सेवाओं में चयनित नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि उनकी सारी सीटों पर भूतपूर्व सैनिकों का कब्जा हो जाता है । अपने पत्र में उन्होंने कहा है की पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से ही सबसे अधिक संख्या सैनिकों की होती है। इससे एक तरफ जहां इन वर्गों के योग्य अभ्यर्थी राजकीय सेवाओं से वंचित रह जाते हैं वही सरकार को भी योग्य कार्मिक नहीं मिल पाते हैं उन्होंने लिखा है कि इसका मतलब यह कदापि न समझा जाए की भूतपूर्व सैनिक योग्य नहीं है परंतु यह तय है कि इस श्रेणी में भूतपूर्व सैनिकों को सम्मिलित करने से पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के समस्त लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि तुरंत प्रभाव से इस संबंध में कार्यवाही कर भूतपूर्व सैनिकों का कोटा राजकीय सेवाओं में 2018 से पहले की तरह अलग से निर्धारित किया जाए ।
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