राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपने राजस्थान यात्रा के दौरान श्याम की पावन नगरी पहुंचीं. उन्होंने श्याम मंदिर के दरबार पर शीश नवाकर कर देश की खुशहाली की दुआ मांगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ श्याम बाबा के दरबार में देश के लिए सुख शांति की कामना की है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12.50 पर हेलीकॉप्टर से खाटूश्यामजी पहुंची थी. 1.25 मिनट से 1.45 तक उन्होंने भगवान श्याम के दर्शन किए. पूजा और प्रसाद ग्रहण करने के बाद 3.35 बजे हेलीकाप्टर से जयपुर के लिए रवाना हुईं. राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए खाटू नगरी में सुरक्षा व्यस्था के मद्देनजर चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती रही.
राजस्थान विधानसभा को किया संबोधित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा को संबोधित भी किया.उन्होंने अपने भाषण में राजस्थानी टच देते हुए कहा कि मान, सम्मान और बलिदान की धोरां री धरती राजस्थान के निवासियों को घणी शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि अतिथि को देवता समझने का सबसे अच्छा उदाहरण राजस्थान है, यहां के लोगों के मधुर व्यवहार के चलते देश-विदेश के लोग यहां आते रहते हैं.
हिंदी का प्रथम कवि होने का गौरव राजस्थान के प्रथम कवि चंदबरदाई को
राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्थान में जैसलमेर के रेगिस्तान से लेकर सिरोही के माउंट आबू, उदयपुर के झीलों और रणथंभौर के आंचल में प्रकृति की इंद्रधनुष छटा दिखाई देती है. जयपुर को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन के निर्माण में अधिकांश पत्थर राजस्थान से ही गए हैं. राष्ट्रपति भवन को बनाने में यहां के कर्मचारियों का खून-पसीना लगा है.वहीं राजस्थान के उद्दमी लोगों ने प्रदेश की पहचान विदेशों में बनाई है.
उन्होंने कहा कि सभ्यता और संस्कृति के हर आयाम में राजस्थान की परंपरा समृद्ध रही है. हिंदी का प्रथम कवि होने का गौरव राजस्थान के प्रथम कवि चंदबरदाई को जाता है, जहां उनकी लिखी पुस्तक ‘पृथ्वीराज रासो’ को हिंदी भाषा का पहला महाकाव्य माना जाता है.