ब्रोकोली को ‘सुपरफूड’ कहा जाता है. ब्रोकोली में कई ऐसे गुण और पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं. खासकर, ब्रोकोली सांस संबंधी समस्याओं जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी-जुकाम आदि से राहत प्रदान करने में बहुत ही प्रभावी साबित होता है.
ब्रोकोली में होता है एंटीऑक्सिडेंट्स
वायु प्रदूषण से हमारे फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।ऐसे में, ब्रोकोली जैसी सब्जियां वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाव करने में मदद कर सकती हैं.ब्रोकोली में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो फेफड़ों की कोशिकाओं को वायु प्रदूषण के कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं. इसके अलावा, ब्रोकोली में सल्फर भी पाया जाता है जो फेफड़ों को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है. इसलिए, ब्रोकोली को अपने आहार में शामिल करना वायु प्रदूषण के खतरों से लड़ने का एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है. ब्रोकोली का नियमित सेवन फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रख सकता है.
ब्रोकोली में भरपूर मात्रा में विटामिन C होता है जो सांस के मार्गो की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है. ब्रोकोली के एंटीऑक्सीडेंट फेफड़ों को सूजन और नुकसान से बचाते हैं. इस में फाइबर होता है जो फेफड़ों को साफ करता हैं और श्लेष्मा को पतला करता हैं. ब्रोकोली में सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं जो फेफड़ों के लिए लाभदायक होते हैं. सांस की समस्याओं से बचने के लिए ब्रोकोली का सेवन कर सकते हैं.
सांस से जुड़ी समस्याओं को रोकता है
ब्रोकोली खाना सांस से जुड़ी समस्याओं को दूर रखने का एक अच्छा तरीका है.उबली हुई ब्रोकोली में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जो फेफड़ों के लिए लाभदायक होता है.ब्रोकोली के फाइबर श्लेष्मा को साफ करते हैं और खांसी-जुकाम से राहत देते हैं. इसमें सल्फर और अन्य पोषक तत्व फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं. इसका नियमित सेवन COPD, अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाता है.