राजस्थान की भजनलाल सरकार ने आज अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दीया कुमारी में 2 घंटे 50 मिनट में बजट भाषण पढ़ा। 10 संकल्पों के साथ दीया कुमारी ने बजट भाषण की शुरुआत की और प्रदेश को कई सौगात दी। यह बजट विकसित राजस्थान 2047 की थीम पर रहा। सरकार की ओर से बजट में राजस्थान की सबसे बड़ी समस्या पेयजल को लेकर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। इसके अलवा बिजली और बेहतर यातायात सुविधा के लिए सड़क पर भी विशेष फोकस किया गया। आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं इन क्षेत्रों को लेकर बजट में दी गईं सुविधाओं के बारे में…।
पेयजल सुविधा को लेकर सरकार की तैयारी
पेयजल सुविधा को लेकर दिया कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन मिशन’ योजना राजस्थान के लिए वरदान साबित हो सकती है। लेकिन, पहले की कांग्रेस सरकार की उदासीनता और लापरवाही के कारण इस योजना में प्रदेश पिछड़ गया। अब इस मिशन को गति दी गई है, इस साल हमने 15 हजार करोड़ रुपये के खर्च से 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
जल जीवन मिशन योजना के तहत प्रदेश के 5 हजार 846 अतिरिक्त गांवों को सतही जल के माध्यम से पेयजल उपल्बध कराने का निर्णय किया। इसके लिए 20 हजार 370 करोड़ की लागत से छह वृहद पेयजल परियोजनाओं की घोषणा की गई है।
शहरी क्षेत्रों में पेयजल सुविधा के लिए क्या करेगी सरकार?
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शहरी क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अमृत योजना 2.0 के तहत प्रस्तावित योजनाओं का काम किया जाएगा।
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प्रदेश के 183 शहरों/कस्बों में पेयजल व्यवस्था में सुधार के लिए करीब 5 हजार 180 करोड़ के कार्य दो साल में करवाए जाएंगे। प्रदेश में 32 शहरी जल स्रोत जीर्णोद्धार का काम 127 करोड़ में होगा
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अजमेर शहर की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति के लिए सर्विस रिजर्वायर निर्माण और नसीराबाद से नौसरघाटी/कोटड़ा क्षेत्रा तक पाइप लाइन डाली जाएगी।
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टोडारायसिंह-केकड़ी, देवली, मालपुरा व अलीगढ़-टोंक मू लिए शहरी पेयजल योजनाओं में 50 करोड़ से अधिक की लागत से उच्च जलाशय, पाइप लाइन समेत अन्य कार्य करवाए जाएंगे।
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इसके अलावा पेयजल की आवश्यकता अनुसार विधानसभा क्षेत्रों में 2 साल में 20-20 हैंडपंप और 10-10 ट्यूबवेल का निर्माण भी कराया जाएगा।
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पेयजल की बर्बादी को रोकने के लिए नगरीय और औद्योगिक क्षेत्रों में Hybrid Annuity Model (HAM) पर CETPs, और STPs का निर्माण कराकर पानी को अन्य उपयोग के लिए रिसाइकिल किया जाएगा।
बिजली की बढ़त के लिए उत्पादन कार्ययोजना बनाई
राजस्थान में लगातार हो रहे बिजली संकट को देखते हुए भजनलाल सरकार ने बजट में इसके लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बिजली की मांग को देखते हुए संभावित छह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर के लिए उर्जा उत्पादन की कार्ययोजना बनाई गई है। साल 2031-32 तक परम्परागत स्रोतों से 20 हजार 500 मेगावाट क्षमता, अक्षय ऊर्जा के स्रोतों से 33 हजार 600 मेगावाट क्षमता, पवन 8 हजार 100 मेगावाट और हाइड्रो 3 हजार 300 मेगावाट क्षमता का उत्पादन करने के लिए करने काम शुरू किया गया है।
सीएम भजलाल शर्मा ने एमओयू किया
इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर RVUNL और केंद्रीय उपक्रमों NTPC, COAL India Limited, NLC India Limited के बीच joint venture undertaking बनाकर 3 हजार 325 मेगावाट कोयला और लिग्नाईट आधारित परियोजनाएं स्थापित करने के लिए बीती 10 मार्च को एमओयू किए गए हैं।
कुसुम योजना के तहत काम जारी
वर्तमान में अनुबंधित 9 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा के अतिरिक्त 13 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने के लिए ट्रैफिक बेस्ड टेंडर प्रक्रिया से 8 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन के साथ ही ‘कुसुम योजना’ के तहत 5 हजार मेगावाट का कार्य प्रगतिरत है। कुसुम योजना के अन्तर्गत 3 हजार 500 मेगावाट क्षमता की स्थापना के लिए एलओएल (Letters of Intent) भी जारी किए जा चुके हैं। वर्ष 2031-32 तक की ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए 2 लाख 25 हजार करोड़ की लागत के कार्य करवाए जाएंगे।।
सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे
अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को गति देने के लिए आवश्यक लैंड पोलिसी को लागू किया जा चुका है। अब निजी क्षेत्रा के माध्यम से Renewable Energy के उत्पादन को गति देते हुए 50 हजार मेगावाट से अधिक उत्पादन क्षमता स्थापित करने की दिशा में पूगल, छतरगढ़-बीकानेर और बोडाना-जैसलमेर में सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे।
हर घर-हर खेत बिजली
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प्रधानमंत्री जी के हर घर-हर खेत बिजली के संकल्प को साकार करने के लिए राजस्थान सरकार पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में ‘आदर्श सौर ग्राम’ बनाएगी। प्रत्येक गांव में 2 मेगा वाट क्षमता तक के डिसेंट्रलाइज्ड सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
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प्रदेश के सभी राजकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जा से जोड़ते हुए बिजली की बचत की जाएगी।
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बिजली से वंचित रहे 2 लाख 8 हजार से अधिक घरों को आगामी 2 साल में कनेक्शन दिए जाएंगे।
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765 केवी के छह, 400 केवी के सात, 220 केवी के 15 और 132 केवी के 40 जीएसएस और संबंधित लाइनों का चरणबद्ध रूप से विस्तार और निर्माण किया जाएगा।
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इस साल 25 लाख से अधिक घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।