महादेव के मंदिर के आगे प्राण त्यागे नंदी ने
हिंदू रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
श्रीगंगानगर 6 अगस्त 2022
सावन का महीना चल रहा है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। सावन मास में भगवान शिव की स्तुति करने से विशेष फल प्राप्त होता है। आस्था ही ईश्वर है, ऐसा ही एक वाक्या घटित हुआ ,श्री गंगानगर की चक 3 ई छोटी में। भाजपा नेता रजत स्वामी से प्राप्त जानकारी के अनुसार ,”एक बैल जिसे नंदी के नाम से पुकारा जाता था” चक 3 ई छोटी में स्थित शिव मंदिर के समक्ष यह बैल हर समय बैठा रहता था। महादेव के दर्शन हेतु आने वाले भक्त इस बैल को बहुत ही सम्मान प्रदान करते थे। दिन भर घूमने के पश्चात इस बैल का एकमात्र निश्चित स्थान शिव मंदिर ही था। रजत स्वामी के अनुसार यह बैल भक्तजनों में बहुत ही लोकप्रिय व पूजनीय था।
लम्पी की चपेट में आ गया था नंदी
विगत कई दिनों से श्रीगंगानगर व आसपास के क्षेत्रों में,पशुओं में चल रही बीमारी लम्पी की चपेट में यह बैल भी आ गया। भक्तजनों द्वारा इसका इलाज निरंतर करवाया जा रहा था। परंतु शुक्रवार आकस्मिक रूप से इस बैल ने, जो इस क्षेत्र में नंदी नाम से विख्यात है, प्रातः काल महादेव के चरणों में अपने प्राण त्याग दिए।
हिंदू रीति रिवाज से नंदी का हुआ अंतिम संस्कार
नंदी द्वारा इस तरह महादेव के चरणों में प्राण त्यागे जाने के पश्चात, समस्त भक्तों ने निर्णय कर हिंदू रीति रिवाज से इस नंदी का अंतिम संस्कार संपन्न करवाया। जो क्षेत्र में आस्था का साक्षात दृष्टांत माना जा रहा है और यह कहा जा रहा है इस नंदी को मोक्ष की प्राप्ति हो गई है।
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