AI जिसकी वजह से आने वाले समय में लोग आसानी से अपने गैजेट्स में एआई का यूज कर सकेंगे. वैसे देखा जाए तो एआई की विश्वसनीयता को लेकर लोगों के अंदर अभी कई तरह के सवाल हैं, जैसे इसका इस्तेमाल करने में यूजर्स का डेटा कितना सेफ रहेगा आइए जानते है …
चैट जीपीटी (ChatGPT) के अस्तित्व में आने के बाद से एप्पल (Apple), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और गूगल ने अपना पूरा फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ लगा दिया. एआई की पावर को देखते हुए लोग अपने काम को आसान करने के लिए इसका जमकर यूज कर रहे हैं.
क्या एआई के साथ शेयर करना चाहिए अपना डेटा ?
अगर आप चाहते हैं कि एआई और भी अच्छे से काम करें. तो इसके लिए आपको अपना डेटा उनके साथ शेयर करना होगा. जिसकी मदद से वो आपके काम को ऑटोमेटिक तरीके से करने में सक्षम हो जाएगा. वैसे तो यूजर्स का डेटा कंपनी के पास पहले से रहता है. लेकिन अब आपको और भी डेटा एआई के साथ शेयर करना पड़ेगा.
अगर हम बड़ी टेक कंपनियों की बात करें तो ये सभी यूजर्स के डेटा और काॅल को सुनेंगे. ताकि एआई उसका इस्तेमाल करके मदद कर सकें. जहां गूगल यूजर्स को स्पैम कॉल से बचाने के लिए नया फीचर लेकर आया है. जिसमें स्केम काॅल आने पर ये फीचर अलर्ट करेगा पर इसके लिए आपको गूगल को सभी कॉल्स का एक्सेस देना होगा. वहीं Microsoft ने Recall नाम से एक फीचर लेकर आया है. जोकि यूजर के नोटपैड से लेकर सोशल मीडिया तक का स्क्रीनशॉट लेगा ताकि भविष्य में काम करने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके. इसके अलावा एप्पल का एप्पल इंटेलिजेंस लोगों के डेटा को स्टोर करेगा ताकि भविष्य में काम आने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके. अब देखना ये होगा कि लोग इन एआई फीचर्स का कितना इस्तेमाल करते हैं, वो भी अपने डेटा को शेयर कर के.
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