कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें कोई व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय, अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक समाधान
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1- सनाय 100 ग्राम, हरड़ 100 ग्राम, सौंफ 100 ग्राम , इस्बगोल 100ग्राम और सेंधा नमक थोड़ा सा।
इन सभी का महीन चूर्ण बना लें। रात को सोते समय, एक चम्मच चूर्ण, गर्म पानी या दूध के साथ लें।
2- गुलकंद एक चम्मच और मुनक्का ( 10 – 15 दानें ) को , एक गिलास पानी में उबाल कर, रात को सोते समय सेवन करें । सुबह, आपका पेट स्वच्छ हो जाएगा।
3- हरड़ का मुरब्बा के 1 – 2 नग, रात को सोते समय, गुनगुने दूध के साथ सेवन करें । कब्ज की शिकायत दूर होती है ।
4- फाइबर युक्त आनाज का सेवन करने से भी, कब्ज नही रहती है । ( ‘ हाई फाइबरा ‘ को , गेंहुं आटे में , मिश्रित करके , चपाती का भी सेवन करना लाभदायक रहता है , इसकी जानकारी के लिए, हमसे संपर्क कर सकते है )।
( सुबह, शौच जाने से पहले, 1-2 गिलास पानी का सेवन करें । इससे क्रिया के करने से भी पेट स्वच्छ होता है । उपरोक्त उपाय में से , कोई एक करने से, आपको कोई हानि नही पहुंचती है और सुबह नित्य क्रिया में आसानी होती है । कब्ज भी नही रहती है । )
वैद्य वरुण गुप्ता
B.A.M.S.
श्रीराधेश्याम आयुर्वेदिक भवन
पंचायती धर्मशाला गेट नंबर 2
श्री गंगा नगर