लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बुधवार सुबह 4:30 बजे बिहार से दिल्ली जा रही स्लीपर बस टैंकर को बायीं तरफ से ओवरटेक करने के दौरान भिड़ गई, जिससे बस के दाहिने हिस्से के परखच्चे उड़ गए। इस भीषण हादसे में दोनों वाहनों के चालक सहित 18 लोगों की मौत हो गई और 23 यात्री घायल हुए हैं। हादसे के बाद करीब 8 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।
महोबा के किसान के नाम है बस, लेकिन उसे नहीं पता
एआरटीओ प्रवर्तन एके सिंह ने बताया कि बस राजस्थान के जोधपुर एनके टॉवर कोहिनूर सिनेमा के पास स्थित मेसर्स केसी जैन ट्रैवल की है। बस करन चंद्र जैन और केयर ऑफ महोबा के मवई खन्ना निवासी पुष्पेंद्र सिंह के पते पर परिवहन कार्यालय महोबा में दर्ज है। पुष्पेंद्र सिंह के मुताबिक वह केसी जैन के कार्यालय में काम करता था। केसी जैन की कोरोना काल में मौत हो गई थी, इसके बाद नौकरी छोड़ दी थी। अब वह खेती-किसानी करता है। उसे नहीं पता कि बस उसके नाम है।
100 की रफ्तार से लहरा कर चला रहा था बस
हादसे में घायल लोगों के मुताबिक चालक बस को 80, 90 कभी 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार में चला रहा था। वह सड़क पर इधर से उधर लहराते हुए दूसरे वाहनों को ओवरटेक कर रहा था। यात्रियों ने बताया कि बस का चालक लखनऊ से जैसे ही एक्सप्रेसवे पर पहुंचा उसने रफ्तार तेज कर दी। यात्री मोहम्मद शमी के मुताबिक हादसे के वक्त बस की रफ्तार 90 से 100 के बीच थी। गलत तरीके से ओवरटेक करने के कारण हादसा हो गया।
ढाई साल से नहीं कराई थी फिटनेस, परमिट भी नहीं
2 स्लीपर बस की फिटनेस एक जनवरी 2022 में खत्म हो गई थी। इसके बाद से फिटनेस की जांच ही नहीं हुई। टैक्स 30 नवंबर 2023 से नहीं जमा हुआ। बीमा 13 फरवरी 2024 को खत्म हो गया। बस को सड़क पर चलाने और सवारियां ले जाने का परमिट भी सात महीने पहले दो जनवरी 2024 को खत्म हो गया था। केवल प्रदूषण प्रमाण पत्र ही 15 अप्रैल 2025 तक वैध है। बेहटामुजावर थाने में ट्रैवल एजेंसी के नाम रिपोर्ट दर्ज कराई है।
16 जिलों से रोज गुजरती थी बस, अफसर रहे बेखबर
7 आगरा एक्सप्रेसवे पर उन्नाव में बुधवार सुबह जो स्लीपर बस हादसे की शिकार हुई, वह रोजाना बिहार से दिल्ली के बीच कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, कन्नौज, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, नोएडा और गाजियाबाद आरटीओ क्षेत्र से गुजरती थी, पर किसी भी अफसर ने संजीदगी नहीं दिखाई। फिटनेस, इंश्योरेंस, टैक्स बकाया होने के बावजूद कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पांच लोगों को लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया
घायलों में पांच लोगों की हालत गंभीर होने पर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर और एक को कानपुर हैलट रेफर किया गया। तीन का इलाज सीएचसी में चल रहा है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि अभी तक दोनों वाहनों के चालकों सहित 10 मृतकों की पहचान हो पाई है। बाकी लोगों की शिनाख्त कराने का प्रयास किया जा रहा है।