जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली डिक्लेरेशन को मंजूरी को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर बोले अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता दी गई है.
विदेश मंत्री ने कहा, “यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने का एक अवसर है. जी-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है.” उन्होंने मीडिया को बताया कि सभी नेताओं ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की और माना कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है.
उन्होंने कहा, “आज नेता जिस घोषणा पर सहमत हुए हैं, वह मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है और इसके लिए एक एक्शन प्लान भी बनाया गया है.” उन्होंने कहा कि यह एक स्थायी भविष्य के लिए ग्रीन डेवलपमेंट पैक्ट की परिकल्पना करता है.
”हमने जो कहा वह करके दिखाया”-निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिक्लेरशन को लेकर कहा, “हमने भू-राजनीतिक तनाव के चुनौतीपूर्ण समय में जी 20 की प्रेसिडेंसी ली. आज मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि हमने जो कहा वह करके दिखाया.” उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को G20 फाइनेंशियल इंक्लूजन एक्शन प्लान में भी इंटिग्रेट गया है, जो 2024 और 2026 के बीच चलेगा.
एमडीबी को मजबूत करेगे – वित्त मंत्री
मल्टी डेवलपमेंट बैंक पर फाइनेंस ट्रैक की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसका उद्देश्य 21वीं सदी में साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एमडीबी को मजबूत करने पर केंद्रित है. इसके लिए एमडीबी को ज्यादा प्रभावी बनाने पर सहमति जरूरी है, क्योंकि दुनिया भर में विकास की डिमांड काफी अधिक है, इसलिए इन संस्थानों को बेहतर और बड़ा बनाना होगा.
100 प्रतिशत आम सहमति मिली है.
इससे पहले डिक्लेरेशन को ऐतिहासिक बताते हुए जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने 9 सितंबर को कहा कि भारत को मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास की गति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 प्रतिशत आम सहमति मिली है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने घोषणा की कि नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की घोषणा पर आम सहमति बन गई है और इसे अपनाने की घोषणा की गई है. सोशल मीडिया अकाउंट पर कांत ने आगे कहा कि भारत जी20 प्रेसिडेंसी के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रहा है. हमने पिछली प्रेसीडेंसी की तुलना में मूल कार्य को दोगुने से भी अधिक कर दिया है.