शेखावत ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर सीट पर अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराया था.
गजेंद्र शेखावत ने यह भी कहा कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में न तो उनकी और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य की कोई संलिप्तता थी और अशोक गहलोत द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं. शेखावत को इस साल अप्रैल में 900 करोड़ रुपये के कथित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाया गया था. शेखावत द्वारा गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि का मामला पहले से ही दिल्ली की एक अदालत में लंबित है.
‘बेटे की हार की हताशा में देते हैं बयान’
जलशक्ति मंत्री ने पेपर लीक मामलों को लेकर भी गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोगों को तय करना चाहिए कि पेपर लीक पर कार्रवाई की जानी चाहिए या नहीं. उन्होंने जैसलमेर में संवाददाताओं से कहा, ‘अशोक गहलोत लोकसभा चुनाव में अपने बेटे की हार की हताशा में बयान देते रहते हैं.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैंने कोई पाप नहीं किया है. मेरे परिवार के किसी भी सदस्य की संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसायटी घोटाले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संलिप्तता नहीं है.’ उन्होंने पेपर लीक की घटनाओं पर कहा कि गहलोत सरकार के साढ़े चार साल के शासन में प्रतियोगी परीक्षाओं के 17 पेपर लीक हुए. उन्होंने कहा, ‘गहलोत कहते थे कि पेपर लीक में कोई अधिकारी या नेता शामिल नहीं है, लेकिन आरएसपीसी का एक सदस्य जेल में है. मुख्यमंत्री पेपर लीक मामलों में जांच के बारे में किसी भी बात को खारिज कर देते हैं क्योंकि उन्हें चिंता है कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो कई सफेदपोश कांग्रेस नेताओं की संलिप्तता सामने आ जाएगी.’
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य बाबूलाल कटारा को इस साल अप्रैल में राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह ने 2022 में ग्रेड दो शिक्षक परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.