Puja Vidhi And Importance: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यानी चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के तीसरे दिन गणगौर पूजा की जाती है। ये पर्व मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है। गणगौर शब्द गण और गौर दो शब्दों से मिलकर बना है। जहां ‘गण’ का अर्थ शिव और ‘गौर’ का अर्थ माता पार्वती से है। दरअसल, गणगौर पूजा शिव-पार्वती को समर्पित है। इसलिए इस दिन महिलाओं द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा की जाती है। इसे गौरी तृतीया (Gauri Tritiya) के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति की चाह से ये व्रत करती हैं। तो चलिए जानते हैं इस साल गणगौर पूजा कब है। साथ ही इसके महत्व को भी जानेंगे।
साल 2023 में गणगौर पूजा कब है ? 2024
गणगौर पूजा डेट | 24 मार्च 2023 |
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि प्रारंभ | 23 मार्च 2023, गुरुवार की शाम 6:20 बजे से |
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि समापन | 24 मार्च 2023, शुक्रवार की शाम 04:59 बजे |
गणगौर पूजा का महत्व (Gangaur Vrat Importance)

इस पर्व में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाती हैं और उनकी दूर्वा और फूलों से पूजा करती हैं। गणगौर पूजा पर्व 17 दिनों तक चलता है। लेकिन चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का दिन सबसे खास होता है। इस पूजा की सबसे खास बात ये है कि महिलाएं इस पूजा को अपने पति से छिपाकर करती हैं और न ही उन्हें पूजा का प्रसाद खाने को देती हैं। दरअसल इस पर्व की कथा के अनुसार ये व्रत छिपाकर ही रखा जाता है। तभी फलदायी होता है।
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