मानसून में शरीर में पानी की कमी क्यों हो जाती है
मानसून के दौरान हमारे शरीर में पानी की कमी ज्यादा होती है। दरअसल बारिश के बाद उमस होती है। ऐसे में बाहर की नमी शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी सोख लेती है, जिससे हमें लगातार पसीना आता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
जितना ज्यादा पानी भाप बनेगा, उतनी ज्यादा उमस बढ़ेगी
गर्मी की वजह से बारिश, नदी-नालों, समुद्र या झील का पानी भाप बनकर उड़ता है और आसपास की हवा में फैल जाता है। इसे ही उमस कहते हैं। फिर जब भाप वाली हवा शरीर से टकराती है तो है ह्यूमिडिटी यानी उमस महसूस होती है।
गर्म एरिया में उमस ज्यादा होती है
ठंडी जगहों की अपेक्षा में गर्म जगहों पर उमस ज्यादा होती है, क्योंकि गर्मी के चलते पानी बहुत तेजी से भाप बनकर उड़ता है और आसपास की हवा में फैल जाता है।
डिहाइड्रेशन हो गया है मतलब शरीर में पानी की कमी हो गई है, ये कैसे पता चलेगा?
नीचे लिखें पॉइंट्स में अगर आपके शरीर में 2-3 लक्षण दिखाई दें, तो समझ लीजे आपको डिहाइड्रेशन हो गया है
- हार्ट बीट का तेज होना
- सांसों की बदबू और मुंह सूखना
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द और चक्कर आना
- भूख-प्यास का बढ़ जाना
उमस बढ़ने पर डिहाइड्रेशन के अलावा और भी परेशानियां हो सकती है :-
- लाल चकते
- खुजली
- डिहाइड्रेशन
- बुखार
- जुकाम-खांसी
- गले में खिच-खिच
- पेट दर्द
- फंगल इन्फेक्शन
- लो ब्लड प्रेशर
- घाव भरने में टाइम लगना
बीमार होने पर हम-आप छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिसकी वजह से ठीक होने में समय लगता है और परेशानी भी बढ़ जाती हैं। इन गलतियों को करने से बचें। जैसें-
- डॉक्टर की सलाह मानें और समय से दवाइयां खाएं।
- मसालेदार खाना न खाएं।
- बुखार, सर्दी-जुकाम, गले में खिच-खिच होने पर ठंडी चीजें न खाएं-पिएं।
- गला खराब होने या खांसी आने पर गार्गल करना शुरू कर दें।
- हर रोज प्राणायाम जरूर करें।
- पानी उबालकर नॉर्मल होने पर पिएं।
- पानी पीने का कोई नियम है क्या या जब तक प्यास न लगे पीना नहीं चाहिए?
प्यास न भी लगे तब भी दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक पानी को पीने के कुछ नियम हैं जो सेहत को दुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। गर्मी के दिनों में खासकर इसका ख्याल चाहिए।
सुबह उठने के बाद: सुबह उठकर खाली पेट पानी जरूर पिएं। इससे पूरा दिन शरीर हाइड्रेटेड रहता है। स्किन, लिवर, किडनी और आंख से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं।
सुबह उठने के बाद शरीर के इंटरनल ऑर्गन यानी आंतरिक अंगों को एक्टिव करने के लिए एक गिलास सादा या गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे शरीर की गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती है।
खाना खाने से पहले: खाना खाने से 30 मिनट पहले पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से खाना अच्छे से डाइजेस्ट होता है।
खाना खाने के बाद: खाना खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए। चाहे रात का या दोपहर का खाना खाएं, हमेशा 1 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए। अगर कुछ अटक जाता है, तो पी सकते हैं।
कभी भी खाना खाने के तुरंत पहले या बाद में पानी नहीं पीना चाहिए। इससे पानी शरीर में डाइजेस्टिव जूस को डाइल्यूट कर देता है। फिर डाइजेशन प्रोसेस यानी पाचन क्रिया अच्छे से नहीं हो पाती है।
सोने से पहले: सोने से एक घंटा पहले पानी पीने से किसी भी प्रकार का फ्लूइड लॉस नहीं होता।
इससे शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहती है।
नोट: ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप इन सबके अलावा बीच-बीच में पानी नहीं पी सकते। जब भी आपको प्यास लगे, आप अपने शरीर के हिसाब से पी सकते हैं।
डिहाइड्रेशन से बचाएंगे आयुर्वेद के 3 उपाय, इम्यूनिटी होगी मजबूत
सौंफ के बीज: सौंफ की तासीर ठंडी होती है ये इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है। डिहाइड्रेशन की परेशानी भी दूर होती है।
तरीका: आधा चम्मच सौंफ को एक लीटर पानी में उबालकर छान लें। इसे ठंडा करने के बाद एक कप डेली दिन में 3-4 बार पिएं।
तुलसी: तुलसी में औषधीय गुण होते हैं। डिहाइड्रेशन से होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है। यह शरीर के टेम्प्रेचर को ठंडा रखती है।
तरीका: तुलसी की 5-6 पत्तियां लें। पत्तियों को पानी में डालकर 15 मिनट के लिए हल्की आंच पर गर्म होने दें। इसे छानकर कप में डाल लें और ठंडा होने पर पिएं।
गिलोय जूस: डाइजेशन से जुड़े इन्फेक्शन की वजह से डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम होती है। इससे शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ती है और पेशेंट जल्दी ठीक हो जाता है।
तरीका: मार्केट में गिलोय रस आसानी से मिल जाता है। दो चम्मच गिलोय रस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर दिन में डेली एक बार पिएं।
एक हेल्दी शरीर को कितने पानी की जरूरत होती है:
हर इंसान के शरीर का वजन अलग-अलग होता है। सबके शरीर में पानी की जरूरत भी अलग-अलग होती है। शरीर के वजन के हिसाब से ही तय किया जाता है कि आपको कितना पानी पीना चाहिए।
मापने का तरीका- बॉडी वेट × 30 = पानी मिलीलीटर में
उदाहरण 20 किलो के वजन के शरीर को करीब 1 लीटर पानी की जरूरत होती है। उस हिसाब से देखें तो 70 किलो वजन के व्यक्ति को 2.1 लीटर पानी पीना चाहिए। 80 किलो के वजन के व्यक्ति को 2.4 लीटर पानी पीना चाहिए।
Disclaimer:उपरोक्त आलेख में निहित जानकारी सुधि पाठकों की सूचना हेतु ,विभिन्न माध्यमों जैसे पत्र-पत्रिकाओं, दूरसंचार,इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी से संकलित की गई है। पॉलिटिकल क्रियेशन हाउस इसके प्रति उत्तरदाई नहीं है।