राजस्थान विधानसभा का सत्र बुधवार को शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रामगंजमंडी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मदन दिलावर के निलंबन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से विधायक मदन दिलावर का निलंबन हुआ है वो ठीक नहीं है. इसके साथ ही उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कहा-मदन नहीं तो सदन नहीं.
इसके साथ अनिता भदेल ने भी मदन दिलावर के बहाल करने की मांग करने लगीं. इसमें चौमूं के विधायक रामलाल शर्मा भी शामिल हो गए. हंगामा, बढ़ने लगा. बीजेपी के विधायक लगातार हंगामा करने लगे. इसपर विधान सभा अध्यक्ष सीपी जोशी अपनी सीट से खड़े होकर सदस्यों को शांत होने का निर्देश देने लगे. अध्यक्ष ने रामलाल शर्मा और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को नाम लेकर बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर आप लोग राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही के गौरवपूर्व परम्परा का निर्वहन नहीं करना चाहते हैं, तो बताइये. इसके बाद थोड़ी देर के लिए शांति हुई.
गोविंद सिंह डोटासरा ने किया पलटवार
इस दौरान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि अगर आप लोग (बीजेपी) जाना चाहते हैं तो जाइये. ऐसे सदन नहीं चलेगा. इस पर जोरदार हंगामा होने लगा. दोनों तरफ से हंगामा तेज हो गया. अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधायकों को नाम लेकर बोलना शुरू कर दिया. उसके बाद तब सदन में प्रश्न काल के लिए कार्यवाही चली.
क्यों हुए थे मदन निलंबित ?
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर को पिछले दिनों सदन से निलंबित किया गया था. क्योंकि, लाल डायरी के मामले में सदन में बड़ा हंगामा हुआ था. जिसमें संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बताया था कि शून्यकाल के दौरान विधायक राजेंद्र गुढा उनके सामने का माइक मरोड़ा और हमले का प्रयास किया. इसी दौरान कांग्रेस विधायक रफीक खान और अन्य सदस्य बीच बचाव के लिए आ गए थे. उसी दौरान धारीवाल ने बताया था कि मदन दिलावर अपनी आदत से मजबूर हैं. उन्हें कोई पहली बार निलंबित नहीं किया गया है, दिलावर आसन की परवाह नहीं करते. इसलिए उन्हें निलंबित किया गया था.