जो सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हे इन्फ्लेमेशन की समस्या हों जाती है और जब यह इन्फ्लेमेशन बढ़ जाती है तो कई गंभीर रोगों को भी पैदा कर सकती है. एक नई रिसर्च से पता चला है की जो लोग इन्फ्लेमेशन से पीड़ित होते हैं, वह दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करने की उम्मीद में सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताते हैं.
सोशल मिडिया एडिक्शन का नुकसान
जब भी कोई इंसान बीमार होता है, तो वह घर पर रहकर अपना समय बितता है, लेकिन इस समय लोग सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. अब यही बात स्टडी में भी साबित हुई है कि जो लोग सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा समय बिताते हैं वह इन्फ्लेमेशन की समस्या से परेशान हो सकते हैं.
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और जब भी वह बीमार होता है या घायल होता है तो ऐसे लोगों की तलाश करता है, जिससे वह अपना दर्द बांट सके, इसलिए इन्फ्लेमेशन या किसी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को सोशल मीडिया की बहुत तलब होती है. न्यूयॉर्क की यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो में कम्युनिकेशन प्रोफेसर ने एक रिसर्च की जिसमें पाया गया कि जब शरीर सूजन और अन्य बीमारियों को ठीक करने में असहाय महसूस करता है, तो लोग अपने फोन को देखने में अधिक समय बिताते हैं, ताकि वह अपने दोस्तों और परिवार से बात कर सकें.
क्यों होती है सूजन की समस्या
इन्फ्लेमेशन या सूजन की समस्या शरीर में आम होती है लेकिन जब यह इन्फ्लेमेशन बहुत ज्यादा बढ़ जाती है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो कई बीमारियों को जन्म देती है. इससे ऑटोइम्यून डिजीज का खतरा होता है, इतना ही नहीं ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, फेफड़ों के रोग जैसे अस्थमा की समस्या भी इन्फ्लेमेशन के कारण हो सकती है.
Disclaimer:उपरोक्त आलेख में निहित जानकारी सुधि पाठकों की सूचना हेतु ,विभिन्न माध्यमों जैसे पत्र-पत्रिकाओं, दूरसंचार,इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी से संकलित की गई है। पॉलिटिकल क्रियेशन हाउस इसके प्रति उत्तरदाई नहीं है, अंतिम उत्तरदायित्व आपका स्वयं का होगा