ट्रांसफर पर जज और पूर्व सीएम फोन करते हैं
सीएम ने कहा कि किसी डॉक्टर का ट्रांसफर कर दो तो जज, पूर्व सीएम, मंत्री या एमएलए का फोन आ जाता है। सब एसएमएस में लगना चाहते हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को 1763 नए चिकित्सकों के शपथ समारोह में डॉक्टरों की हड़ताल, हेल्थ स्कीम और स्वास्थ्य माॅडल पर खुलकर बोले। गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल पास हुआ तो मिसगाइड डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। डॉक्टर हड़ताल करके पूरे देश में बदनाम हुए।
यदि काली पट्टी बांधकर हड़ताल करते तो 17 की जगह 7 दिन में ही हड़ताल खत्म हो जाती। राइट टू हेल्थ बिल जनता को अधिकार देने के लिए है। हमने जो वादा किया वह कर दिखाया। मुझे विश्वास है कि कभी न कभी केन्द्र सरकार और दूसरी राज्य सरकारों को भी राइट टू हेल्थ कानून लाना ही पड़ेगा। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में इससे पहले गहलोत ने नवनियुक्त 1763 डाक्टरों को शपथ दिलाई। राज हेल्थ पोर्टल भी लॉन्च किया। इस मौके पर सीएम ने ओपीएस,राइट टू हेल्थ बिल, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी योजनाओं पर चर्चा की। डॉक्टरों ने अनावश्यक गलत ले लिया। डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते हैं। माना कि भगवान भक्तों पर नाराज होते हैं, लेकिन इतना भी नहीं कि मरने के लिए छोड़ दें।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा- मैंने अपनी विधानसभा के डॉक्टरों को ट्रांसफर से मना कर दिया है।नए डॉक्टरों को भी कहता हूं- आपकी जॉइनिंग हो चुकी है। प्लीज! अब 2 साल तक ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए मेरे पास या कहीं भी आवेदन करने न जाएं।पहली बार डॉक्टरों की पोस्टिग काउंसलिंग के जरिए की है। सभी 700 पीएचसी में अब डॉक्टर नियुक्त कर दिए हैं।सीएम ने चिकित्सा मंत्री की तारीफ की। परसादी ने कहा था कि वे डेपुटेशन पर किसी को नहीं रहने देंगे, भले ही मंत्री रहें या न रहें।