29 मार्च 2023 श्रीगंगानगर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जहां निजी चिकित्सक धरने-प्रदर्शन,हड़ताल कर रहे हैं,वहीं राज्य सरकार भी इस बिल के क्रियान्वयन हेतु प्रतिबद्ध नजर आ रही है।
इस दौरान श्रीगंगानगर के कुछ पार्षदों ने आज जिला कलेक्टर महोदय को ज्ञापन दिया और राइट टू हेल्थ बिल को जनकल्याणकारी बताया।
ज्ञापन के माध्यम से पार्षदों ने बताया कि शहर में निजी एवं सरकारी चिकित्सकों द्वारा बंद की गई सेवाओं को सुचारु रुप से शुरू करवाया जाये। राजस्थान सरकार ने निरोगी राजस्थान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवा को वैधानिक अधिकार बनाने के लिए और सरकार की जनकल्याण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा राइट टू हेल्थ बिल को लागू कर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा को नागरिक अधिकार घोषणा कर सरकार ने अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के लक्ष्य को पूरा किया है। यह विधेयक प्रत्येक नागरिक के मूल अधिकार अनुच्छेद 21 से जुड़ा हुआ है ,जो प्रत्येक नागरिक के जीवन जीने और स्वास्थ् रहने के लक्ष्य को पूरा करता है लेकिन व्यवसायिक सोच के निजी चिकित्सक जिन्होंने चिकित्सा सेवाओं को मानव सेवा का समझ कर अपने आर्थिक लाभ का व्यवसाय बना लिया है। क्योंकि इस विधेयक के द्वारा राजस्थान की लोक कल्याणकारी सरकारी आमजन को तुरंत सरल उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाकर अपने जनकल्याण के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है, लेकिन निजी चिकित्सक एवं चिकित्सालय इस बिल के द्वारा आमजन को जो सुविधाएं दी गई है उन्हें यह लोग अपना आर्थिक नुकसान मानते हैं ,जबकि वर्तमान सरकारों का प्राथमिक लक्ष्य अपने देश के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सेवा देकर उनके प्राणों की रक्षा करना है ।

यह बिल पूर्णतया प्रदेश की जनता के हित में है, इन चिकित्सकों की हड़ताल के कारण संपूर्ण जिले की चिकित्सा व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है और आमजन का जीवन खतरे में है आमजन के जीवन की रक्षा को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से सुचारू रूप से शुरू करवाया जाए।
ज्ञापन देने वाले में पार्षद बलजीत बेदी, विजेन्द्र स्वामी, आशा खटीक, फहीम हसन, पाल सिंह गिल, सुशील यादव,पार्षद पति सुभाष खटीक व पार्षद रमेश चंद शर्मा सम्मिलित रहे।
संवाददाता:- हेम सिंह भाटी