अमित कल्याणा ने बताया कि उनकी मांग थी कि पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर सीवरेज निर्माण के दौरान सेफ्टी टैंक को लेकर किए गए करोड़ों रुपए के भुगतान के मामले में लगे आरोपों की निष्पक्ष रुप से जांच हो। जांच होने तक उन्हें पद से हटाने, पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल में बने सभी पट्टों की जांच, शिप्रा कॉलोनी के तरमीम और कन्वर्जन की जांच कर बची हुई सरकारी भूमि को नगरपालिका अपने कब्जे ले। विधायक पुत्र के स्कूल के नाम से आवंटित की जाने वाली 4 बीघा सरकारी भूमि नगरपालिका अपने अपने कब्जे में लेकर नीलामी करे। घग्घर फ्लड की भूमि पर काटी जा रही कॉलोनी के कॉलोनाइजर पर मुकदमा दर्ज कर फ्लड भूमि की पूर्व की स्थिति बहाल करें। साथ ही सूरतगढ़ को जिला बनाया जाए। सूरतगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ चल रहा धरना मंगलवार शाम को समाप्त हो गया। सीवरेज भुगतान में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच और जांच होने तक उन्हें पद से हटाने समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 93 दिन से शहर के सुभाष चौक पर ये धरना चल रहा था। अमित कल्याणा का धरना पूर्व विधायक की पहल पर मंगलवार शाम को समाप्त हुआ।
पालिका अध्यक्ष कालवा के खिलाफ नोटिस जारी-पूर्व विधायक
उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर लगातार सुभाष चौक पर उनका आंदोलन जारी था। जिस पर मंगलवार शाम को मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक गंगाजल मील ने कहा कि पालिका अध्यक्ष कालवा के भ्रष्टाचार मुकदमे में सरकार से नोटिस जारी हो चुका है। आगे की कार्रवाई भी जल्द की जाएगी। घग्घर फ्लड और शिप्रा कॉलोनी के मामले में भी जल्द कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया। इस दौरान मौके पर एसडीएम संदीप कुमार, राजाराम गोदारा, कांग्रेस के पीसीसी सदस्य परसराम भाटिया, पूर्व पालिका अध्यक्ष इंजीनियर बनवारीलाल मेघवाल, रतन पारीक, पार्षद महेंद्र गोदारा, बसंत बोहरा, शंकर नायक, दिलीप स्वामी, धर्मदास सिंधी, मदन बेनीवाल, सतनाम वर्मा मौजूद रहे