रावला में राजफैड की ओर से की जा रही सरसों की सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार का मामला पकड़ में आया है। इस मामले में 50 से अधिक किसानों की ओर से खरीद एजेंसी और ई मित्र संचालकों ने मिलीभगत कर फर्जी गिरदावरी रिपोर्ट बनाकर सरकार को एमएसपी पर सरकार को सरसों बेची है।
भारतीय किसान संघ रावला के अध्यक्ष प्रेम देहड़ की शिकायत पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित कमेटी को जांच के दौरान सरसों की सरकारी खरीद में भारी भ्रष्टाचार के साक्ष्य भी मिले हैं। रावला तहसील कार्यालय में जिला परिषद के सीईओ आईएएस मोहम्मद जुनेद और उनकी टीम के द्वारा मामले की जांच की जा रही है आज रविवार को यह जांच दूसरे दिन भी जारी है।

पटवारियों को रिकॉर्ड मिलान में लगाया
सरसों की सरकारी खरीद में हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच बड़ी गहनता से की जा रही है। रावला तहसील में आज दूसरे दिन भी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। पटवारियों को सरसों खरीद में भरे गए फार्मों की जांच में लगा दिया। जांच कमेटी ने सभी पटवारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने हल्का क्षेत्र की गई गिरदावरी की रिपोर्ट का मिलान कर इसकी रिपोर्ट जांच कमेटी को सौंपे।
सरसों की सरकारी खरीद में हुए भ्रष्टाचार में ई-मित्र संचालकों की बहुत बड़ी भूमिका सामने आ रही है। ई-मित्र संचालकों के द्वारा सरसों के नाम पर हुए भ्रष्टाचार में फर्जी गिरदावरी बनाकर उसे आनलाइन कर दिया गया था।
भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष ने की थी शिकायत
भारतीय किसान संघ अध्यक्ष प्रेम देहड़ ने कलेक्टर को लिखित में दी शिकायत में बताया था कि रावला में राजफैड की ओर से की जा रही सरसों की सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। किसान के नाम से गिरदावरी रिपोर्ट ई-मित्र के माध्यम से अन्य के नाम से बनाने और फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कर सरकार को सरसों बेच रहे हैं। उन्होंने बाकायदा इसके साक्ष्य भी प्रस्तुत किए।
व्यापारियों की भूमिका भी संदिग्ध
सरसों की सरकारी खरीद में व्यापारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। व्यापारियों की ओर से मंडी में खुली नीलामी पर किसानों की ओर से सस्ती दरों पर सरसों खरीद कर एमएसपी पर खरीद एजेंसी के प्रतिनिधियों से सांठगांठ कर बेचने का भी संदेश है। जांच कमेटी इस एंगल से भी जांच कर रही है।
सरसों की सरकारी खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के साक्ष्य मिले हैं। इसमें किसानों, व्यापारियों, ई मित्र संचालक व खरीद एजेंसी शिकायत पर जांच चल रही है। प्रतिनिधियों की संदिग्ध भूमिका है। जांच कमेटी ने बताया कि अभी जांच जारी है,जांच पूरी होने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।