इस साल रक्षाबंधन पर गुरु व शनि वक्री होकर अपनी राशियों में रहेंगे। साथ ही बन रहे तीन योग इस दिन को और खास बना देते हैं। सनातन धर्म में रक्षाबंधन त्योहार को खास माना जाता है। इसका इंतजार सभी भाई-बहन बेसब्री से करते हैं। ये पर्व भाई-बहनों और उनके रिश्ते को समर्पित है।

इस दिन बहनें अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई में शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांधती हैं। भाई की अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। भास्कर संवाददाता | श्रीगंगानगर हिंदू धर्म में मान्यता है कि यदि श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल तक राखी नहीं बांधी जा सकती है। उसके समापन के बाद ही राखी बांधी जाती है, क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। जानकारी के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10:58 तक चतुर्दशी है।
उसके बाद पूर्णिमा तिथि आएगी लेकिन उसी समय भद्रा काल भी शुरू हो जाएगा। भद्रा रात 9:01 तक रहेगी क्योंकि इस बार भद्रा का वास पृथ्वी पर ही है। इसीलिए इस दिन रक्षाबंधन नहीं मनाया जा सकेगा। शास्त्रों के अनुसार सूर्य उदय के समय जो तिथि रहती है पूरे दिन उसी तिथि को माना जाता है। उसी दिन को व्रत के पूजा, यज्ञ अनुष्ठान, स्नान और दान के लिए संपूर्ण दिन में पुण्य फल प्रदान करने वाली माना गया है। चाहे वह एक घटी हो या आधी घटी ही क्यों ना हो। 31 अगस्त को सुबह पूर्णिमा तिथि 7:05 बजे तक रहेगी जो कि तीन घटी नहीं है फिर भी इसी दिन रक्षाबंधन मनाना शुभ होगा।

इस बार अधिकमास होने से यह पर्व पिछले साल की तुलना में 19 दिन देरी से आ रहा है। इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा। साल 2022 में यह पर्व 11 अगस्त को मनाया गया था। सुदामा नगर स्थित श्री वैष्णो देवी माताजी धाम के संस्थापक पंडित कालूराम गौड़ ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर 24 साल बाद रवि योग के साथ दो अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। रक्षाबंधन पर इस बार रवि योग के साथ शतभिषा नक्षत्र व बुधादित्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में एक ही दिन पूर्णिमा और भद्रा लगने के कारण आपको मुहूर्त का खास ख्याल रखना होगा। कालूराम गौड़ ने बताया कि मनीराम पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व 31 अगस्त को ही मनाएं। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त : 31 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त: सूर्योदय काल से सुबह 7:05 मिनट तक अति उत्तम, बाकी का पूरा दिन शुभ रहेगा।
भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधते हैं?
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था। इसलिए ऐसा माना जाता है कि बहनों को भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। यह भी कहा जाता है कि भद्रा काल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम हो जाती है। रक्षाबंधन के दौरान किस धागे की राखी बांधनी शुभ रहती है?: राखी बांधने के लिए सूती या रेशम के धागे की राखी का इस्तेमाल करें। इसके अलावा कलेवा का भी राखी बांधने के लिए इस्तेमाल करना शुभ माना गया है। वहीं आप चांदी या सोने से बनी राखी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।