बुड्ढाजोहड़ दौरा टलने के पीछे भी जनसभा के प्रबंध और क्रेडिट वार की राजनीतिक वजह है। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में टिकट के दावेदारों के बीच खींचतान चल रही है। जिला नेतृत्व में बदलाव की संभावना के चलते दावेदारों के बीच रस्साकसी शुरू हो गई है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री राजे का बीकानेर व श्रीगंगानगर जिले का तीन दिवसीय मिनट टू मिनट कार्यक्रम जारी हुआ। इसमें श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ में ही आना तय हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के 20 अप्रैल के बुड्ढाजाेहड़ के जिस दौरे की चर्चा थी, वह टल गया है। अब राजे बुड्ढाजोहड़ की बजाय सूरतगढ़ में श्री बिश्नोई सभा समिति के कार्यक्रम में शामिल होंगी।
3 बड़े कारण और फीडबैक दिया कि फसलों का सीजन, ज्यादा भीड़ नहीं जुट सकती
1. क्रेडिट वार: स्थानीय नेताओं ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई: बुड्ढाजोहड़ गुरुद्वारा के समीप खाली जगह पर राजे की सभा करवाने की प्लानिंग थी। यहां सांसद निहालचंद और पूर्व विधायक लालचंद सभा करवाते तो प्रोटोकाल के तहत विधायक बलवीर लूथरा को मंचासीन करना पड़ता। इसका क्रेडिट लूथरा को मिल जाता, जो एमपी नहीं चाहते थे।
2. गुट साइलेंट; दावेदारों की डिप्लोमेटिक पॉलिसी: प्रदेशाध्यक्ष बदले जाने से पूनिया गुट साइलेंट है। भाजपा ने अभी पत्ते नहीं खाेले हैं कि विधानसभा चुनाव में टिकटें तय करने के लिए कौन नेता फ्री हैंड होगा। जनसभा के लिए बड़े प्रबंध करने पड़ते। इससे टिकट के दावेदारों ने सभा से किसी के खेमे का टैग लगवाने की बजाय डिप्लोमेटिक पॉलिसी अपनाई।
3. रूतबा; कद और पद की होड़: राजे को निमंत्रण भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और गुरुद्वारा के ट्रस्टी हाकम सिंह ने दिया। प्रदेश नेतृत्व में बदलाव के बाद जिलाध्यक्ष पद को लेकर खींचतान शुरू हो चुकी है। अंदरूनी तौर पर शह और मात का खेल चल रहा है। एक तर्क यह भी दिया गया कि अभी फसली सीजन चल रहा है। लोग सभा में नहीं पहुंच पाएंगे।
एक भाजपा नेता के अनुसार वरिष्ठ नेता ने राजे के नजदीकी एक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष से संपर्क साधा। उन्हें फीडबैक दिया कि लोग फसलें संभालने का सीजन होने की वजह से व्यस्त हैं। ज्यादा भीड़ नहीं जुट सकेगी।
यह थे कार्यक्रम ; बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा में 20 अप्रैल को अमावस्या पर मेला लगेगा। इसमें वैसाखी के बाद की अमावस्या पर बड़ा मेला भरता है। गुरुद्वारा प्रबंध समिति के एक ट्रस्टी और भाजपा नेता ने एक हफ्ता पूर्व जयपुर में वसुंधरा राजे को मेले के दिन धार्मिक कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था। मुख्यमंत्री रहते राजे ने गुरुद्वारा में सिख इतिहास के पैनोरमा के लिए 3.50 करोड़ स्वीकृत किए थे। इस पैनोरमा का अवलोकन करना भी प्रस्तावित था। गुरुद्वारा प्रबंधन और भाजपा नेता अपने-अपने स्तर पर राजे के दौरे की तैयारियां कर रहे थे।
अब यह कार्यक्रम; पूर्व सीएम राजे 19 अप्रैल को दोपहर 3 बजे बीकानेर से रवाना होकर सड़क मार्ग से शाम 6 बजे सूरतगढ़ पहुंचेंगी। सूरतगढ़ में रात्रि विश्राम करेगी। 20 अप्रैल को दोपहर 1 बजे श्री बिश्नोई सभा समिति के कार्यक्रम में शामिल होंगी। दोपहर 3 बजे सूरतगढ़ से बीकानेर के लिए रवाना होंगी। इसी दिन सुबह 9:30 से दोपहर 1 बजे तक राजे सूरतगढ़ ठहराव के दौरान नेताओं से भी मिलेंगी। इसी दौरान विस चुनाव पर चर्चा होगी। 21 को पूर्व सीएम राजे सड़क मार्ग से ही जयपुर के लिए रवाना होंगी।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बुड्ढाजोहड़ में धोक लगाने के लिए आना था। यहां सभा नहीं होनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री का अगले महीने बुड्ढाजोहड़ के साथ श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ का दौरा फिर बन सकता है। इसी वजह से बुड्ढाजोहड़ दौरा इस महीने नहीं हो सका। निहालचंद, सांसद
पूर्व मुख्यमंत्री को अमावस्या के मेले में आने का निमंत्रण दिया था। उनके आने की तैयारियां की जा रही थी। लेकिन दौरा क्यों टला। इस बारे में कुछ नहीं जा सकता। एक बार सभा की चर्चा हुई थी, जो गुरुद्वारा की बजाय बाहर करवानी थी। अंदर सभा नियमानुसार नहीं हो सकती। हाकम सिंह, ट्रस्टी गुरुद्वारा बुड्ढाजोहड़ व पूर्व अध्यक्ष, भाजपा।