गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। दरअसल, गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति जी को विराजमान करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन उनको विदा करते हुए उनका विसर्जन करते हैं। गणपति बप्पा का विसर्जन बहुत ही धूमधाम के साथ किया जाता है। 2को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाएगा। आइए जानते हैं गणपति जी के विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त और विसर्जन की विधि।
क्यू किया जाता हे गणेश विसर्जन?
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेशजी की पूजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गणेशजी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से सभी ग्रह शांत हो जाते हैं। साथ ही सभी प्रकार के वास्तु दोष भी दूर हो जाते हैं।
किस समय करना चाहिए गणेश विसर्जन ?
28 सितंबर को शाम 6 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इससे पहले गणेशजी का विसर्जन कर लेना शुभ फलदायी रहेगा। क्योंकि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी का विसर्जन करने का विधान है। 28 सितंबर को सुबह अमृत काल 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजे तक। इसके बाद 9 बजकर 30 मिनट से 11 बजे तक विसर्जन का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद दोपहर में 3 बजकर 31 मिनट से शाम में 5 बजकर 1 मिनट तक।
गणेश विसर्जन के बारे मे जानने योग्य बाते
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गणेश विसर्जन से पहले गणेशजी का विधिवत पूजन करना चाहिए।
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इस दौरान उन्हें फल और मोदक का भोग लगाएं। अंत में गणेशजी की आरती करें। फिर उनसे विदा लेते हुए प्रार्थना करें।
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इसके बाद एक पटरे पर गुलाब की पंखुड़ियां अच्छे से बिछाएं। इसके बाद प्रतिमा को उसपर रख लें। गणेशजी की प्रतिमा के साथ फल फूल, वस्त्र और मोदक की पोटली रखें।
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इसके अलावा एक पोटली में थोड़े चावल, गेहूं और पंचमेवा रखकर पोटली बनाएं उसमें कुछ सिक्के भी डाल दें। इस पोटली को गणेश जी प्रतिमा के पास रख दें।
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इसके बाद गणेशजी की प्रतिमा को बहते हुए जल में विसर्जित कर दें और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की अनुरोध करें। विसर्जित करते हुए इस मंत्र का जप भी करें। ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन।Disclaimer:उपरोक्त आलेख में निहित जानकारी सुधि पाठकों की सूचना हेतु ,विभिन्न माध्यमों जैसे पत्र-पत्रिकाओं, दूरसंचार,इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी से संकलित की गई है। पॉलिटिकल क्रियेशन हाउस इसके प्रति उत्तरदाई नहीं है.