आखों की बीमारी आईफ्लू इन दिनों लगातार पांव पसार रही है। बदले मौसम और बरसात में इस रोग के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। बच्चों में इसके बढ़ते संक्रमण के चलते स्कूल्स में टीचर्स खूब एहतियात बरत रहे हैं। स्कूल में बच्चों की आंखों में इनफ्रैक्शन होने पर उसे जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेने को कहा जाता है। शहर के सरकारी अस्पताल की बात करें तो यहां हर दिन करीब साठ से सत्तर रोगी इसी रोग के आ रहे हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में अधिकांश डॉक्टरों के पास आई फ्लू के दस से पंद्रह तक रोगी आ रहे हैं।
ये हैं आईफ्लू के लक्षण
आई फ्लू के लक्षणों की बात करें तो इस रोग में सबसे पहले आखें लाल दिखने लगती हैं। इनमें पानी आने लगता है। धुंधला दिखाई देने लगता है और आंखें सूज जाती हैं। आंखों में खुजली आती हैं। पलकें चिपक जाती हैं। आंखें रोशनी के प्रति ज्यादा सेंसेटिव हो जाती है।
ये बरतें सावधानी
डॉक्टर्स बताते हैं कि आई फ्लू के लक्षण नजर आने पर हाथों को बार-बार धोएं। जब तक हाथ साफ नहीं हों, उन्हें आंखों पर न लगाएं। टॉवल, मेकअप के सामान, चश्मा और आंख में डालने वाली ड्रॉप्स साझा नहीं करें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर जितने भी चीजें या जो प्लेटफॉर्म संक्रमित के संपर्क में रहे हैं उन्हें अच्छी तरह से सैनिटाइज करें। चश्मे की साफ-सफाई का ध्यान रखें। आंख लाल हो रही है, इसमें दर्द हो रहा है या चिपक रही है तो तुरंत चिकित्सक के संपर्क में आकर दवा डालें।
हर दिन आ रहे रोगी
सरकारी अस्पताल के पीएमओ डॉ.केएस कामरा बताते हैं कि इन दिनों हर दिन बड़ी संख्या में आईफ्लू के रोगी आ रहे हैं। सावधानी बरतकर इस रोग से बचा जा सकता है।