भारत में डेंगू का सबसे आम कारण एडीज नामक मच्छर है. एडीज मच्छर डेंगू वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित कर देता है. जब भी एडीज मच्छर किसी डेंगू पीड़ित व्यक्ति का खून चूसता है, तो वह डेंगू वायरस को अपने शरीर में संचित कर लेता है. फिर जब वह दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो उस व्यक्ति के शरीर में डेंगू वायरस प्रवेश कर जाता है.
डेंगू होने के 3 से 10 दिन बाद ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं. इस समय में अगर हम लक्षणों को समझकर डॉक्टर से इलाज करा लें तो बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है.लेकिन अगर डेंगू का इलाज नहीं कराया जाए, तो यह खतरनाक रूप ले सकता है.इससे रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर कम होना और मौत तक हो सकती है.
डेंगू बुखार अलग होता है.
डेंगू में अचानक बुखार आता है जो 104°F तक चढ़ता है. नॉर्मल बुखार में बुखार धीरे-धीरे बढ़ता है.
डेंगू में सिरदर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द होता है जो नॉर्मल बुखार में नहीं होता.
डेंगू में त्वचा पर लाल चकत्ते निकलते हैं, जो इस बीमारी की पहचान का मुख्य लक्षण है.
डेंगू में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है, जिससे मरीज को नाक और मुंह से खून आने लगता है.
डेंगू के कारण प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या तेजी से गिर सकती है.
डेंगू खतरनाक हो सकता है, जबकि नॉर्मल बुखार आमतौर पर हल्का होता है.
इसलिए डेंगू के लक्षणों को पहचानकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
डेंगू का मच्छर कब काटता है.
डेंगू के मच्छरों के बारे में एक आम गलतफहमी यह है कि वे केवल दिन में ही काटते हैं.लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार डेंगू का कारण बनने वाले एडीज मच्छर दिन और रात दोनों समय काट सकते हैं. एडीज मच्छर सुबह और शाम के समय अधिक सक्रिय होते हैं. लेकिन रात के समय भी ये मच्छर काट सकते हैं, खासकर अंधेरे कमरों में भी.
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