मौसम में बदलाव के चलते बड़े वायरल के मरीज: खांसी तो 15 से 20 दिन में हो रही ठीक, हर माह औसत 65 हजार सिरप की खपत
हले सूखी ठंड और अब दिन और रात के तापमान में अंतर ज्यादा होने से बुखार और वायरल से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। खांसी का संक्रमण ज्यादा है। बच्चे हो या फिर व्यस्क, सभी आयु वर्ग में खांसी ज्यादा लंबी खिंच रही है। इसके साथ वायरल बुखार भी हो रहा है। वजह परट्यूसिस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) व राइनोवायरस के साथ इस बार एडेनो वायरस का प्रकोप ज्यादा हाेना है। एम्स जोधपुर की माइक्रो बॉयोलोजी लैब में जांच के दौरान कुछ वयस्कों में एडेनोवायरस की पुष्टि हुई है। इस बार वयस्कों व बच्चों में खांसी, जुकाम और वायरल बुखार ज्यादा हो रहा है।
3 तरीकों से करें बचाव
खानपान अच्छा रहे: जंक फूड की बजाय बच्चों को संतुलित भोजन ज्यादा दें। उन्हें ताजा व गर्म खाना, सलाद, सूप, हरी सब्जियां, पनीर आदि ज्यादा खिलाएं। गुनगुना पानी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। थोड़ा थोड़ा कर दिन में कई बार भोजन करना चाहिए।
मास्क जरूर लगाएं: घर में अगर कोई खांसी, जुकाम या वायरल से पीड़ित है तो उसे मास्क लगाना चाहिए। बच्चों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। इससे स्वस्थ बच्चे भी संक्रमण का शिकार नहीं होंगे। बच्चों को मास्क लगाना चाहिए।
तुरंत इलाज लें: खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण होने पर रोगी को तुरंत जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर्स के परामर्श के अनुसार दवा लेते हुए इलाज शुरु करना चाहिए। रिकवर न होने तक इलाज लेते रहना चाहिए।
एक्सपर्ट ने बताए कारण और बचाव, सलाह- वायरल हुआ है तो मास्क जरूर लगाएं
चिंता ; डॉक्टरों के अनुसार सामान्य वायरल संक्रमण, खांसी व जुकाम 5-6 से दिनों में ठीक होने की बजाय दो सप्ताह से ज्यादा समय लग रहा है। वयस्कों में 3 से 4 दिन की बजाय 7 से 10 दिन और बच्चों में 4 से 5 दिन की बजाय 15 से 20 दिन में खांसी रिकवर हो रही है। कारण ; दिन व रात के तापमान में अंतर ज्यादा होने से बैक्टीरिया पनपने के अनुकूल मौसम बनता है। डॉक्टर्स के अनुसार जंक फूड ज्यादा खाने से कमजोर पड़ रही इम्युनिटी और बदलते मौसम में लापरवाही की वजह से बच्चों में वायरल संक्रमण जल्द ठीक नहीं हो पा रहा है।
संक्रमण; बच्चों में वायरल संक्रमण में ठीक होने का समय न्यूनतम 4 से 5 दिन और अधिकतम 8 से 10 दिन रहता है। इस बार ये अवधि 20 दिन से भी ज्यादा है। कई बच्चों में सांस की तकलीफ भी होती है। परट्यूसिस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) और राइनोवायरस की वजह से ऐसा हो रहा है।
सभी तरह के वायरल इंफेक्शन हो रहे एक्टिव:
तापमान में ज्यादा अंतर के अनुकूल ज्यादातर लोगों की बॉडी जल्द नहीं ढलती। इससे थोड़ी सी लापरवाही से इस मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार और गले का इंफेक्शन हो रहा है। इसमें सामान्य वायरल के अलावा दूसरे तरह के इंफेक्शन भी हैं। परट्यूसिस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस और राइनोवायरस के केस भी देखने को मिल रहे हैं। अस्थमा-एलर्जी के केस में बच्चों में लंबे समय तक खांसी चल रही है, जिसे ठीक होने में 15 दिन से तक का भी समय लगा है।
सभी रिपोर्ट्स सामान्य, फिर भी गला और सांस की नली प्रभावित:
इन दिनों ज्यादा खांसी से पीड़ित रोगियों की एक्सरे रिपोर्ट नॉर्मल, आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव और ऑक्सीजन सेचुरेशन सही मिल रही हे। फिर भी गले और सांस की नली में तकलीफ ज्यादा होती है। ये एडेनो वायरस के लक्षण हैं। जो श्वसन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी के जुकाम और फ्लू के सामान दिखते हैं। हालांकि इसे उपचार से ठीक किया जा सकता है।
प्रति माह औसतन कफ सिरप 58681 से 65093 शीशी तक पहुंची
सरकारी अस्पतालों में सूखी और बलगम वाली खांसी सही करने की कफ सिरप की खपत बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक एक वर्ष में कफ सिरप की खपत 704173 शीशियां थी। प्रति माह औसतन 58681 शीशियों की खपत हुई। इस वर्ष अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक 11 महीनों में 716025 शीशियों की सप्लाई की जा चुकी है। अब प्रति महीना औसतन 65093 शीशियां कफ सिरप की खपत हुई है।