भारत ने अपना पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ लॉन्च कर दिया. शनिवार (2 सितंबर) को इसे पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया, जहां सैटेलाइट को उसकी इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है. इसके साथ ही भारत की पहली सूर्य वेधशाला ने सूर्य-पृथ्वी के एल1 प्वाइंट के लिए यात्रा शुरू कर दी है.
एस सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष यान सटीक कक्षा में स्थापित हो गया है. उन्होंने कहा, “मैं आदित्य-एल1 मिशन को करने के लिए पीएसएलवी को बधाई देता हूं. अब से मिशन एल1 प्वाइंट के लिए अपनी यात्रा शुरू करेगा. यह लगभग 125 दिनों की बहुत लंबी यात्रा है. आइए हम सभी आदित्य स्पेसक्राफ्ट को शुभकामनाएं दें.”
चंद्रयान-3 के बारे में दी जानकारी
इसरो प्रमुख ने बताया कि आदित्य-एल1 को पृथ्वी की अंडाकार कक्षा में स्थापित किया गया है, जिसमें पृथ्वी का निकटतम बिंदु 235 किमी और अधिकतम बिंदु 19000 किमी है. इसके साथ ही इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय’ किया जाएगा.
सपना सच होने जैसा – प्रोजेक्ट डायरेक्टर
लॉन्च की सफलता पर आदित्य-एल1 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी ने कहा, “यह एक सपने के सच होने जैसा है. मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य एल-1 को पीएसएलवी ने हमेशा की तरह बिना गलती के कक्षा में स्थापित कर दिया है. आदित्य एल-1 ने अपनी 125 दिन लंबी यात्रा शुरू कर दी है. एक बार जब आदित्य एल-1 स्टार्ट हो जाएगा तो यह देश और वैश्विक वैज्ञानिक बिरादरी के लिए एक संपत्ति होगी. मैं इस मिशन को संभव बनाने में उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद देती हूं.”
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी रहे मौजूद
सूर्य मिशन की लॉन्चिंग का गवाह बनने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह भी पहुंचे थे. लॉन्चिंग के बाद संबोधन में सिंह ने कहा, “यह वास्तव में भारत के लिए एक शानदार क्षण है, जिसे पूरी दुनिया सांस रोककर देख रही थी.”
वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ”भारतीय वैज्ञानिक इस मिशन को सफल बनाने में वर्षों से दिन-रात मेहनत कर रहे थे और अब राष्ट्र के प्रति प्रतिज्ञा को पूरा करने का क्षण आ गया है.” केंद्रीय मंत्री सिंह ने शनिवार की उपलब्धि को ‘शानदार पल’ बताया और अंतरिक्ष क्षेत्र को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया.