देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने का कार्य निरंतर जारी है. इसी कड़ी में आज से तीन वर्ष पूर्व एनईपी 2020 यानि नई शिक्षा नीति को लागू किया गया था. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य देश के बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करना है. इस नीति का मकसद युवाओं को बुनियादी मानवीय मूल्यों से जोड़े रखना भी है. एनईपी 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम सत्र का उद्घाटन करेंगे.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जहां प्रधानमंत्री मोदी शिक्षा और कौशल की 12 भारतीय भाषाओं में किताबों का विमोचन और पीएम श्री योजना के तहत धनराशि की पहली किस्त भी जारी करेंगे.
Hon'ble Minister of State for Education Smt. @Annapurna4BJP speaks on the importance of #NEP2020 in promoting multilingualism, studying in Indian languages, flexibility in choosing subjects from various streams, etc. and how it is going to create an inclusive society. She also… pic.twitter.com/HGIhIxdtJc
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 28, 2023
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत चयनित स्कूलों को वित्त पोषण की पहली किश्त जारी करेंगे. स्कूल छात्रों को ऐसे नागरिक बनने के लिए शिक्षित करेंगे जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित समतापूर्ण, समावेशी और विविध समाज के निर्माण में योगदान देंगे. प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, युवाओं को अमृत काल में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने के लक्ष्य के साथ एनईपी 2020 लॉन्च किया गया था.
ये है लक्ष्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य युवाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना और उनमें मौलिक मानवीय मूल्यों को स्थापित करना है. नीति लागू होने के बाद से पिछले तीन वर्षों में स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं.