लखीमपुर खीरी में संयुक्त किसान मोर्चा ने लगाया 72 घंटे का महापड़ाव
जीकेएस की टीम भी इस महापड़ाव में है सम्मिलित
लखीमपुर खीरी में शहीद किसानों के परिवारों को न्याय देने, किसानों पर झूठे केस वापिस लेने, जेल में बंद किसानों को रिहा करने व अजय मिश्रा टैनी को मंत्री पद से बर्खास्त कर गिरफ्तार करने के मुद्दे को लेकर पिछले दो दिनों से महापड़ाव चल रहा है, ये महापड़ाव लखीमपुर खीरी में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लगाया गया है और 72 घंटे लगातार चलेगा । इस महापड़ाव के जरिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा यूपी सरकार व केन्द्र सरकार को आगाह करवाया जा रहा है कि जेल में बंद निर्दोष किसानों को तुरंत रिहा करके उन पर किए गए केस वापिस लिए जाएं और अजय मिश्रा टैनी को केंद्र सरकार तुरंत बर्खास्त करे वरना जो ये महापड़ाव लखीमपुर खीरी में 72 घंटे के लिए लगा है आने वाले दिनों में ये स्थाई भी हो सकता है और इन मुद्दों को लेकर पूरे देश में आंदोलन चलाया जा सकता है । लखीमपुर खीरी के इस महापड़ाव में संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को उसके द्वारा किए गए वादे भी याद करवाए, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार को बिजली संशोधन कानून वापिस लेना चाहिए और एमएसपी खरीद का गारंटी कानून आने वाले लोकसभा सत्र में पारित करना चाहिए। अगर केंद्र सरकार अपने किए गए वादे से मुकरती है जैसा लग रहा है तो सरकार को ये याद रखना चाहिए कि पूरे देश का किसान फिर से दिल्ली आंदोलन जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर होगा । लखीमपुर खीरी में आज संयुक्त किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल जेल में बंद किसानों से मुलाकात करके आया । इस प्रतिनिधिमंडल में जोगेन्दर सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, डाक्टर दर्शनपाल, रणजीत सिंह राजू, मनजीत सिंह राय, गुरमीत सिंह मांगट, तेजेन्द्र विर्क, सुरेश कौथ,रिचा सिंह और आशीष मित्तल, शामिल थे । इस प्रतिनिधिमंडल ने जेल में बंद किसानों को भरोसा दिलाया कि संयुक्त किसान मोर्चा हर किसान के साथ खड़ा है और जब तक हर मुद्दे में न्याय नहीं मिल जाता तब तक संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा संघर्ष जारी रहेगा । उपरोक्त सभी संगठन और सभी किसान नेता लखीमपुर खीरी में आंदोलन में डटे हुए हैं और महापड़ाव में हर रोज हजारों की संख्या में किसान व महिलाएं पहुंच रही हैं । संयुक्त किसान मोर्चा ने एम एस पी पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए लखीमपुर खीरी के इस आंदोलन से संघर्ष का बिगुल बजा दिया है । आने वाले दिनों में पूरे देश में संघर्ष और आंदोलन को और तेज किया जाएगा ।
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