पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने टीम इंडिया को संबोधित करते हुए कहा- यह हमारे लिए खुशी की बात है कि आपने देश को उत्साह से भी और उत्सव से भी भर दिया। देशवासियों की सारी आशा-अपेक्षाओं को आपने जीत लिया है। मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई आपको। आमतौर पर मैं देर रात दफ्तर में काम करता रहता हूं। लेकिन इस बार हमारी टीम फाइनल खेल रही थी तो ध्यान केंद्रित नहीं हो रहा था काम में। आपलोगों ने शानदार टीम स्पिरिट को भी दिखाया है, टैलेंट को भी दिखाया और आपमें धैर्य नजर आ रहा था। मैंने देखा कि आप में धैर्या था, हड़बड़ी नहीं थी। आपलोग आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे। मेरी तरफ से आप लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
इस मौके पर द्रविड़ ने कहा- मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि आपने हमें आपसे मिलने का मौका दिया। मैं कहना चाहूंगा कि अहमदाबाद में हमारे वनडे विश्व कप फाइनल मैच के दौरान आप वहां भी आए थे। हम वो मैच हारे थे। मैं मानता हूं हमारे लिए वह समय उतना अच्छा नहीं था। इसलिए हम बहुत खुश हैं कि हम आज इस खुशी के मौके पर आपसे मिल पाए। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि रोहित और इन सभी लड़कों ने टी20 विश्व कप फाइनल समेत कई मैचों में जो जुझारूपन दिखाया है, जो कभी हार न मानने वाला रवैया दिखाया है, वह बहुत मायने रखता है। इसका श्रेय लड़कों को जाता है, उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की है। यह बहुत खुशी की बात है कि इन लड़कों ने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया है। ये खिलाड़ी खुद ही 2011 विश्व कप में टीम इंडिया की जीत को देखकर प्रेरित हुए थे, बड़े हुए थे। इससे सीख कर इन लोगों ने इस बार विश्व कप जीता है। मुझे उम्मीद है कि इससे इस देश का हर इंसान, चाहे वह लड़की हो या लड़का या कोई भी स्पोर्ट्स हो, प्रेरित होगा। मैं आपको बस धन्यवाद देना चाहता हूं और इन लड़कों को बधाई देना चाहता हूं।
पीएम मोदी ने युजवेंद्र चहल पर चुटकी ली
पीएम ने आगे कहा, ‘आप इस देश को बहुत कुछ दे सकते हैं। जीत तो आपने दी है देश को, लेकिन आगे और प्रेरित कर सकते हैं। हर छोटी-छोटी चीज पर आप देश के लोगों को गाइड कर सकते हैं। अब आपके पास अपने आप में एक अथॉरिटी है।’ पीएम मोदी ने इस बयान के बाद गंभीर मुद्रा में बैठे युजवेंद्र चहल पर चुटकी ली। उन्होंने कहा- चहल क्यों सीरियस बैठा है? मैंने सही पकड़ा है न? इस पर चहल कहते हैं- नहीं सर। पीएम मोदी आगे कहते हैं, ‘हरियाणा का कोई भी व्यक्ति हो, वो हर हालत में खुश रहता है। वह हर कुछ में खुशी ढूंढता है।’ यह कहकर पीएम समेत वहां मौजूद लोग हंसने लगते हैं।
पीएम मोदी ने रोहित से पूछा यह सवाल
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कप्तान रोहित शर्मा से बातचीत करते हुए उन्हें बारबाडोस में पिच से मिट्टी उठाकर खाने की तस्वीर दिखाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रोहित से पूछा कि जीत के बाद जब आपने पिच का टुकड़ा, वहां की मिट्टी को अपने मुंह में डाला तो उसका स्वाद कैसा था? इसके पीछे आपने मन के बारे में जानना चाहता हूं। जमीन कोई भी हो, मिट्टी कहीं की भी हो, लेकिन क्रिकेट खिलाड़ियों की जिंदगी ही पिच पर होती है और आपने क्रिकेट की जो जिंदगी है, उसको चूमा। यह कोई हिंदुस्तानी ही कर सकता है।
इस पर रोहित ने कहा- जहां पर टीम इंडिया को विक्ट्री मिली, उसका मुझे एक पल हमेशा याद रखना था, उस मिट्टी को चखना था। उस पिच पर खेलकर हम जीते। सबने इस पल का काफी इंतजार किया। कई बार हम विश्व कप के करीब पहुंचे, लेकिन जीत नहीं पाए। हालांकि, इस बार सब लोगों की मेहनत की वजह हम उस जीत को हासिल कर सके। इसलिए वह पिच मेरे लिए बहुत मायने रखता था। जो भी हमने किया उस पिच पर किया, इसलिए उस पल में मेरे से वह हो गया। इस चीज के लिए इतना मेहनत किया था और वह मेहनत हमारे लिए रंग लाई।
रोहित से पीएम की बातचीत
पीएम मोदी कहते हैं, ‘कुछ चीजें देशवासियों ने मार्क किया होगा, लेकिन रोहित मैंने दो एक्स्ट्रीम चीजें देखीं। इस जीत में मुझे भावुक पल नजर आ रहे थे। जब आप ट्रॉफी के लिए जा रहे थे, तब जो नृत्य होता है, वह क्या था?’ पीएम की यह बात सुन सभी खिलाड़ी हंसने लगते हैं। इस पर रोहित जवाब देते हैं, ‘जैसे हम सब के लिए इतना बड़ा पल था। सब लोग इतने साल से इस ट्रॉफी का इंतजार कर रहे थे। तो मुझे लड़कों ने कि आप सिर्फ ऐसे ही चलकर ट्रॉफी लेने मत जाना, कुछ अलग करना।’ इस पर पीएम मोदी फिर से चहल पर चुटकी लेते हुए कहते हैं- यह चहल का आइडिया था क्या? रोहित कहते हैं- चहल और कुलदीप का आइडिया था।
पीएम ने ऋषभ पंत को लेकर कही यह बात
पीएम मोदी ऋषभ पंत से कहते हैं, ‘रिकवरी की यात्रा कठिन है। ऐसे समय में कोई व्यक्ति रिकवरी करे, वह कठिन है। आपने उस समय काफी पोस्ट भी किए थे। मैं आपके पोस्ट को देखता रहता था। मेरे साथी बताते थे कि आपने आज कितनी मेहनत की। इसके जवाब में पंत कहते हैं- थैंक यू कि आपने हम सबको यहां बुलाया। मेरा एक सामान्य सा विचार था कि डेढ़ साल पहले मेरा एक्सीडेंट हुआ था तो काफी मुश्किल समय चल रहा था। मुझे याद है कि आपका कॉल आया था मां को। उस वक्त दिमाग में बहुत सारी चीजें चल रही थीं। लेकिन जब आपका कॉल आया और मां ने मुझे बताया कि सर ने बोला कि कोई दिक्कत नहीं है। तब मैं जाकर थोड़ा रिलैक्स हुआ। उसके बाद रिकवरी के समय में आसपास सुनने को मिलता था कि ये क्रिकेट कभी खेल पाएगा या नहीं। खासतौर पर विकेटकीपिंग को लेकर मुझे सुनने को मिलता था कि बैटिंग तो चलो कर लेगा, लेकिन विकेटकीपिंग कर पाएगा या नहीं। पिछले डेढ़ दो साल से यही सोच रहा था कि वापस मैदान में आकर जो पहले कर रहा था, उससे और अच्छा करने की कोशिश करनी है। किसी और के लिए नहीं, खुद को साबित करना है कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिर से खेल सकता हूं और भारत को जिता सकता हूं।
पीएम कहते हैं- जब आपका रिकवरी चल रहा था तो मैंने आपकी मां से दो बातें कही थीं। मैंने आपकी मां से बात करने से पहले डॉक्टर से चर्चा की थी। डॉक्टर से चर्चा के दौरान मैंने उनकी राय जानी। फिर मैंने उनसे कहा कि आपको इन्हें कहीं बाहर ले जाना है तो बताइए। लेकिन मुझे आपकी मां के आत्मविश्वास को देखकर आश्चर्य हुआ। जब मैं उनसे बात कर रहा था तो ऐसा लग रहा था कि जैसे वो मुझे आश्वासन दे रही हैं। ये बड़ गजब का क्षण था। तब मुझे लगा कि जिसको ऐसी मां मिली है तो वह कभी विफल नहीं होगा। यह मेरे मन में उसी समय विचार आया। आपने वह करके दिखाया। मैंने जब आपसे भी बातचीत की तो आपने कहा कि यह किसी का दोष नहीं, मेरा दोष है। यह बहुत बड़ी बात है। हर इंसान यही बहाना बनाता है कि गड्ढा था, या कुछ था, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। हर इंसान आपकी रिकवरी से काफी प्रेरित होगा। आपने लड़ाई को जीता है, बहुत बड़ा काम किया है। बधाई हो।
पीएम से विराट कोहली की बातचीत
इसके बाद पीएम मोदी विराट से कहते हैं- विराट बताइए, इस बार की लड़ाई काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है आपकी। कोहली कहते हैं- पहले तो बहुत बहुत शुक्रिया आपका कि आपने हम सबको यहां बुलाया। ये दिन हमेशा मेरे जहन में रहेगा, क्योंकि ये पूरे टूर्नामेंट में वो कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं कर पाया जो मैं करना चाहता था। एक समय पर मैंने राहुल भाई को भी बोला कि मैंने अपने आपके साथ और टीम के साथ न्याय नहीं किया है अभी तक। इस पर द्रविड़ ने मुझे बोला कि जब मौका आएगा तो मुझे भरोसा है कि आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। तो ये बातचीत हुई थी और जब हम फाइनल में खेलने भी गए तो शुरुआती चार गेंदों में तीन चौके मिले तो मैंने रोहित को बोला- यार क्या गेम है ये। एक दिन ऐसा लगता है कि एक रन नहीं बनेगा और एक दिन आप जाते हैं और सबकुछ होने लगता है। फिर कुछ विकटें गिर गईं तो मैंने खुद से कहा कि इस स्थिति में मुझे खुद को सरेंडर करना है कि टीम के लिए क्या जरूरी है इस समय पर। सिर्फ यही बात पर मेरा पूरा ध्यान था।
कोहली ने कहा- मुझे ऐसा लगा कि मुझे इस जोन में डाला गया। मुझे लगा कि मैं उस मोमेंट में बंध गया। बाद में मुझे समझ आया कि जो कुछ भी होना होता है, वह किसी भी तरीके से होकर रहता है। यह होना ही था, मेरे साथ, टीम के साथ। अगर आप मैच भी देखें, जो स्थिति थी, हमने एक-एक गेंद को जिया है। जहां से मैच पलटा, हम यहां बयां नहीं कर सकते कि उस वक्त हमारे मन में क्या चल रहा था। एक समय पर उम्मीद छूट चुकी थी, उसके बाद हार्दिक ने विकेट लिया और फिर हमने एक-एक गेंद करके फिर से एनर्जी बनी। तो मुझे खुशी इस बात की है कि मैं इतने बड़े दिन पर टीम को योगदान दे पाया। वो पूरा दिन जो हमारा गया, जिस तरह से हम जीते, वो मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा अपनी जिंदगी में। मुझे बस खुशी है कि मैं टीम को उस स्थिति में ले जा पाया जहां से हम मैच को जीतने की कोशिश कर सकते थे।